Manuscript Number : GISRRJ21442
बौद्ध शिक्षा पद्धति एवं इससे जुड़े संगठन
Authors(1) :-रणविजय नारायण ठाकुर बौद्ध शिक्षण पद्धति का आरंभ स्वयं महात्मा बुद्ध ने किया था, जिसमें सरल और सुबोध जनभाषा में जीवन के तत्वों की चर्चा थी। व्याख्यान और प्रश्नोत्तर के आधार पर विचारों का आख्यान किया गया था। उन्होंने धर्म के प्रचार में प्रासंगिक उपमा, दृष्टांत, उदाहरण, कथा आदि का समावेश किया था जिससे उसका तत्व श्रोताओं को सरलतापूर्वक बोधगम्य होता था। विचार-विनिमय, तर्क और पर्यालोचन को बौद्ध धर्म में प्रतिष्ठित किया गया। बौद्ध शिक्षा पद्धति में सत्य, दार्शनिक तथ्य, तर्क, पर्यवेक्षण, मनन आदि पर अधिक बल दिया गया। बुद्ध के पश्चात् समाज में बौद्ध शिक्षा का क्रमशः प्रसार होने लगा। बौद्ध मठों और बिहारों के
माध्यम से बौद्ध शिक्षा का प्रचार भारत के विभिन्न भागों में हुआ था। प्रारंभ में हिन्दू और बौद्ध शिक्षाओं के मूल में कोई विशेष अंतर नहीं था, किंतु बाद में आकर दोनों शिक्षा-प्रणालियों के आदर्श और पद्धति में बहुत कम साम्य रह गया।
रणविजय नारायण ठाकुर Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 4 | July-August 2021 Article Preview
इतिहास विभाग, पंडित यमुना कार्यी जयंती महाविद्यालय, बी॰आर॰ए॰बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर,भारतम्।
Date of Publication : 2021-08-30
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Page(s) : 05-09
Manuscript Number : GISRRJ21442
Publisher : Technoscience Academy
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