Manuscript Number : GISRRJ214609
वैदिक कालीन शिक्षा-पद्धति: एक विश्लेषण
Authors(2) :-राजेश कुमार, डॉ० जगबीर सिंह वैदिक शिक्षा प्रणाली आधुनिक भारतीय शिक्षा-प्रणाली की नींव का पत्थर है। इसी शिक्षा-पद्धति के आधार पर आधुनिक शिक्षा प्रणाली का विकास हुआ। आज भी हमारी शिक्षा के मूल उद्देश्य वही हैं जो वैदिक काल में थे। वैदिक काल की भाँति हम आज भी समस्त ज्ञान-विज्ञान, कौशल और तकनीकी को शिक्षा की पाठ्यचर्या में सम्मिलित करते आ रहें हैं। आज भी हम शिक्षक और शिक्षार्थियों के बीच मधुर संबंध स्थापित करना चाहते हैं।
वैदिक कालीन शिक्षा-प्रणाली उस समय के संसार की श्रेष्ठतम शिक्षा-प्रणाली थी। इसलिए आज के भारतीय समाज के स्वरूप में उसकी भावी आवश्यकताओं की दृष्टि से इस शिक्षा-पद्धति कुछ तत्त्व ग्रहणीय हैं। वैदिक कालीन शिक्षा-प्रणाली शहर के कोलाहल से दूर शांत, सुरम्य प्राकृतिक परिसर में चलने वाली, शांति, विश्वबंधुत्व और मानवता का पाठ पढ़ाने वाली, लोककल्याण को समर्पित, विद्यार्थियों में व्यावहारिक गुणों का समावेश करने वाली शिक्षा-पद्धति है। यह शिक्षा केवल आध्यात्मिकता पर आधारित न होकर विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास पर बल देने वाली शिक्षा-पद्धति है। प्रस्तुत शोध आलेख में वैदिक कालीन शिक्षा- पद्धति का सामान्य परिचय देते हुए वैदिक कालीन शिक्षा-पद्धति की मुख्य विशेषताओं और उसके स्वरूप को समझाने का प्रयास किया गया है।
राजेश कुमार Publication Details Published in : Volume 4 | Issue 6 | November-December 2021 Article Preview
असिस्टेंट प्रोफेसर, गणपति इंस्टीट्यूट ऑफ सांइस एण्ड टेक्नोलॉजी, मोहन नगर, गाजियाबाद
डॉ० जगबीर सिंह
असिस्टेंट प्रोफेसर, डायट कड़कड़डूमा, दिल्ली
Date of Publication : 2021-12-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 50-56
Manuscript Number : GISRRJ214609
Publisher : Technoscience Academy
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