Manuscript Number : GISRRJ225621
ज्योतिषशास्त्र में वृष्टि और कृषि विज्ञान
Authors(1) :-डाॅ. निर्भय कुमार पाण्डेय भारतीय ज्योतिषशास्त्र में वृष्टि अनावृष्टि का पूर्वानुमान ग्रहगति एवं वायुगति तथा विशिष्ट समयों में आकाश लक्षण के आधार पर की जाती रही है। उसी को आधार बनाकर आज भी वृष्टि का वर्षों पहले अनुमान लगाया जा सकता है। वर्षा के पूर्वानुमान की अनेक विधियाँ ज्योतिषशास्त्र एवं पुराणों में वर्णित हैं। वृष्टि के सन्दर्भ में सर्वविदित तथ्य है कि सूर्य रश्मियाँ वाष्प रूप में जल का संग्रह कर मेघ के रूप में परिवर्तित कर समयानुसार वृष्टि करती है। भारतीय ज्योतिषशास्त्र की यह विशेषता है कि ग्रहगति के आधार पर वर्षों पूर्व वृष्टि का पूर्वानुमान कर सकता है। करता भी है। पञ्चाङ्ग इसके साक्षी है।
डाॅ. निर्भय कुमार पाण्डेय ज्योतिष, वृष्टि, कृषि, मेघ, चन्द्रमा, सौरमण्डल, पृथ्वी।
Publication Details Published in : Volume 5 | Issue 5 | September-October 2022 Article Preview
सहायक प्राचार्य (ज्योतिष), रामाधीन मिश्र भास्करोदय संस्कृत महाविद्यालय, देवढिया, बक्सर (अंगीभूत इकाई), का.सिं.द.सं. विश्वविद्यलाय, दरभंगा, बिहार
Date of Publication : 2022-09-15
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 115-120
Manuscript Number : GISRRJ225621
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ225621