Manuscript Number : GISRRJ22569
मध्यकालीन भारत में महिलाओं की आर्थिक एवं राजनीतिक स्थिति
Authors(1) :-डॉ. रिनी पुंडीर वर्तमान में महिलाओं के जन्म पर लक्ष्मी का आगमन मानने वाले हमारे समाज में एक समय ऐसा भी था जब महिलाओं को केवल पुत्र पैदा करने वाली मशीन के रूप में उपयोग किया जाता था । भारतीय समाज में महिलाएं हमेंशा से ही परिवार का केन्द्र बिन्दु रही हैं, चाहे माता-पिता द्वारा विवाह के लिए दवाब डालना हो, विवाह के पश्चात सास-ससुर द्वारा बच्चा पैदा करने की मांग करनी हो या पति द्वारा नौकरी छोड़ने की सलाह देनी हो । हम आधुनिक युग में प्रवेश कर चुके हैं, यानी एक ऐसा समय जहां हमारे समाज में लगभग हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं, कई प्रकार के कानून बनाए गए हैं, महिला सशक्तिकरण के नाम पर कई प्रकार के अभियान भी चलाए जा रहे हैं, फिर भी इस तरह के कई उदाहरण आज भी हमें अपने आस-पास देखने को मिल जाते हैं, जहां महिलाएं असहाय और आश्रित की भांति अनिच्छा से अपना जीवन व्यतीत कर रही हैं । ऐसे में क्या हमने कभी विचार किया है कि जब इन सभी सुविधाओं का अभाव था, तब महिलाओं का जीवन-यापन कैसा रहा होगा ? वैसे तो परिवर्तन प्राय: किसी भी चीज को बेहतर बनाने की दिशा में किया गया प्रयास होता है । परिवर्तन जो कि प्रकृति का एक अभिन्न अंग है और जिससे हमारे समाज का कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं है, जिसने हमारे समाज में महिलाओं की स्थिति पर भी अपनी छाप छोड़ी है, क्या वास्तव में हर बार इसने परिस्थितियों को बेहतर बनाया है ? विचार करने पर हम पाएंगे कि नहीं, कई बार प्रकृति के इस नियम ने भी महिलाओं के साथ भेद किया है यानी उनकी स्थिति को पहले की तुलना में दयनीय भी बनाया है । जी हां, हम बात कर रहे हैं प्राचीन युग के पश्चात मध्यकालीन युग में महिलाओं की स्थिति में हुए परिवर्तन की, जिसने महिलाओं की स्थिति को प्रगति पथ पर ले जाने के बजाय गर्त में ढकेल दिया ।
डॉ. रिनी पुंडीर मध्यकालीन भारत, आर्थिक स्थिति, राजनीतिक स्थिति, आधुनिक समाज, भारतीय महिला ।
Publication Details Published in : Volume 5 | Issue 6 | November-December 2022 Article Preview
एसोसिएट प्रोफेसर, इतिहास विभाग, कालिंद कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, भारत।
Date of Publication : 2022-12-20
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 33-39
Manuscript Number : GISRRJ22569
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ22569