Manuscript Number : GISRRJ236111
21वीं सदी के भारत में शिक्षा की उभरती चुनौतियाँ और शिक्षा बजट –एक समीक्षात्मक अध्ययन
Authors(1) :-डॉ उषा ओझा अभी हाल ही में भारत सरकार के द्वारा लायी गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 ने देश में शिक्षा पर एक नई बहस को जन्म दिया है । बहस अपरिहार्य है क्योंकि यह शिक्षा नीति तय करेगी की 21 वीं सदी के भारत की शिक्षा व्यवस्था कैसी होगी । बदलते सामाजिक, आर्थिक, तकनीकी एवं पर्यावरणीय परिस्थिति में समकालीन समाज के अनुरूप प्रत्येक स्तर पर शिक्षा व्यवस्था को पुनर्संरचित एवं पुनर्व्यवस्थित कर मजबूत बनाना जरुरी होता है । निश्चित रूप से यह शिक्षा नीति भारतीय समाज की उभरती चुनौतियों के परिप्रेक्ष्य में भारतीय शिक्षा को नई दिशा देने वाला अहम दस्तावेज है । किंतु जानकारों की माने तो सबसे बड़ी चिंता इसे सफलता पूर्वक लागु करने में है । ऐसा इसलिए है क्योंकि मौजूदा समय कई चुनौतियां हैं जो नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के समक्ष बड़ी बाधा के रूप में खड़ीं हैं – शिक्षा बजट इसमें सबसे बड़ी चुनौती है । अतः वर्तमान आलेख 21वीं सदी के भारत में शिक्षा की उभरती चुनौतियों के परिप्रेक्ष्य में शिक्षा में सुधार हेतु बजटीय आवंटन की समीक्षा प्रस्तुत करता है । यह अध्ययन मुख्य रूप से द्वितीयक आंकड़ों के गहन विश्लेषण पर आधारित है एवं इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय शिक्षा की मौजूदा एवं उभरती चुनौतियों के परिप्रेक्ष्य में वित्तीय प्रावधानों की समीक्षा कर सुधार हेतु सुझाव प्रस्तुत करना है ।
डॉ उषा ओझा 21वीं सदी, भारत, शिक्षा बजट, राष्ट्रीय शिक्षा नीति । Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 1 | January-February 2023 Article Preview
सहायक प्राध्यापिका, तथागत टीचर्स ट्रेंनिंग कॉलेज,धनबाद, झारखण्ड, भारत।
Date of Publication : 2023-01-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 43-50
Manuscript Number : GISRRJ236111
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ236111