Manuscript Number : GISRRJ23626
रामायण एवं महाभारत में स्त्री अस्तित्व का समीक्षात्मक अध्ययन
Authors(1) :-अखिलानन्द उपाध्याय वैदिक काल, रामायण और महाभारत काल की मीमांसा की जाए तो यह कहा जा सकता है कि स्त्री को गरिमामयी और गौरवशाली अस्तित्व हर युग में प्राप्त था। कन्याएं पिता के लिए लक्ष्मी होती थी और उन्हें पुरूषों की तुल्य शिक्षा का अधिकार प्राप्त था। वैदिक काल में भूरिश: ऋषिकाओं का वर्णन स्पष्ट प्रमाण है इसका। रामायण और महाभारत काल की स्त्रियों पर विचार किया जाए तो कुछ प्रसंगों को छोड़कर यह कहा जा सकता है कि इस काल में स्त्री और पुरुष में संभवत भेद कहीं भी परिलक्षित नहीं होता है ।इस काल में स्त्रियों को अनेक प्रकार की शिक्षाएं प्रदान की जाती थी। यहां तक कि उन्हें युद्ध में भी भाग लेने का अधिकार प्राप्त था। साथ ही रामायण और महाभारत हमें यह वैश्विक संदेश है देते हैं कि रामायण और महाभारत में युद्ध केवल और केवल स्त्री सम्मान में लड़ा गया। भगवान श्री राम द्वारा राम सेतु का निर्माण केवल अपनी अर्धांगिनी के लिए नहीं अपितु स्त्री अस्मिता के लिए किया गया था।
अखिलानन्द उपाध्याय वैदिक काल , रामायण, महाभारत, स्त्री, शिक्षा, अधिकार। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 2 | March-April 2023 Article Preview
शोध छात्र, डॉ राम मनोहर लोहिया राजकीय महाविद्यालय मुफ्तीगंज, जौनपुर, विश्वविद्यालय-वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर, उत्तर प्रदेश।
Date of Publication : 2023-04-05
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 41-47
Manuscript Number : GISRRJ23626
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ23626