Manuscript Number : GISRRJ23633
समकालीन भारत के विशिष्ट बालकों में समावेशी शिक्षा की उपयोगिता और चुनौतियाँ
Authors(1) :-प्रियंका देवी प्रस्तुत शोध पत्र में समकालीन भारत के विशिष्ट बालकों में समावेशी शिक्षा की उपयोगिता और चुनौतियों की स्थिति का विश्लेषण करने की चेष्टा करना है। स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी विकलांग बच्चे विकास की मुख्यधारा से अलग-थलग दिखाई पड़ते हैं। सरकारी एवं गैर सरकारी स्तर पर उनके विकास के लिए किए जाने वाले अनेकानेक प्रयत्नों के बावजूद विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं आया है। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की अधिकांश आबादी आज भी समाज की मुख्यधारा से जुड़ नहीं पायी है। विकास के एक मुख्य मापदंड के रूप में शिक्षा के महत्व को देखते हुए यह आवश्यक है कि विकलांग बालकों की शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान दिया जाए। प्रस्तुत समस्या के आधार पर शोधकर्ता द्वारा अनुसंधान के अंतर्गत सर्वेक्षण विधि का प्रयोग किया है । प्रस्तुत अध्ययन में लखनऊ जनपद के माध्यमिक विद्यालयों में अध्यनरत विद्यार्थियों को जनसंख्या माना गया है । अध्ययन में माध्यमिक स्तर के विद्यालयों की समावेशी शिक्षा के शैक्षिक अभिरुचि को जानने के लिए उद्देश्यपरक विधि का उपयोग किया गया है । इसके लिए माध्यमिक स्तर पर कक्षा 11 के 100 छात्र एवं छात्राओं का चयन यादृच्छिक विधि के द्वारा किया गया है । उपकरण के रूप में शैक्षिक अभिरुचि के लिए डॉ. काजी गौस आलम एवं डॉ राम जी श्रीवास्तव द्वारा निर्मित उपकरण का प्रयोग किया गया है ।प्रस्तुत शोध पत्र में विशिष्ट बालकों के समावेशी शिक्षा की उपयोगिता एवं उसकी चुनौतियों का तथ्यात्मक एवं संख्यात्मक वर्णन किया गया है। इसमें अशिक्षा से उत्पन्न होने वाली सामाजिक विकृतियों एवं असमानता से बचने की बात करते हुए समावेशी शिक्षा की बात कही गयी है। जिससे विकलांग बालक अपने आपको समाज का एक कटा हुआ भाग न समझ कर समाज का हिस्सा ही समझे, इसके साथ ही विद्यालय एवं समाज के लोग भी उनके साथ सामान्य व्यवहार करें। विभिन्न शोध अध्ययनों, सरकारी एवं गैर सरकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए प्रस्तुत शोध पत्र के द्वारा यह सिद्ध करने का प्रयत्न किया गया है कि यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक उत्तरदायित्व है कि हाशिये पर पड़े हुए विशिष्ट बालकों की शिक्षा के संबंध में जानकारी एकत्रित की जाए जिससे उन्हें समावेशी शिक्षा में शामिल करते हुए उनको देश तथा समाज में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार किया जा सके।
प्रियंका देवी समावेशी शिक्षा, साक्षरता दर, विकलांगता, समावेशी शिक्षा की उपयोगिता, चुनौतियाँ। Publication Details Published in : Volume 6 | Issue 3 | May-June 2023 Article Preview
शोध-छात्रा, शिक्षा शास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ, उत्तर प्रदेश।
Date of Publication : 2023-06-30
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 14-21
Manuscript Number : GISRRJ23633
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ23633