वैश्विक समस्याओं के निदान में उपनिषदों की उपादेयता

Authors(1) :-डॉ. हिमांशु शेखर त्रिपाठी

भौतिक, सांसारिक सुखों, धन-संपत्तियों का लोभ एवं लालच छोड़कर आध्यात्मिक समृद्धि की कामना प्रत्येक मानव को करनी चाहिए | यदि उपनिषदों द्वारा निरूपित इस ‘श्रेय मार्ग’ पर मनुष्य चलने लगे तो समस्त विश्व में न केवल आर्थिक अपितु सभी प्रकार के भ्रष्टाचारों का उन्मूलन कर सुख, समृद्धि एवं शांति का साम्राज्य स्थापित हो जाएगा | इस प्रकार ‘यत्र विश्वं भवत्येक नीडम्’ – का स्वप्न चरितार्थ हो सकेगा |

Authors and Affiliations

डॉ. हिमांशु शेखर त्रिपाठी
धर्मशास्त्र विभाग, श्रीलाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली।

भौतिक, सांसारिक, वैश्विक, वेद, उपनिषद, शारीरिक, सुख, समृद्धि शांति|

  1. कण्ठ 1.27
  2. बृहदारण्यक 5.3.
  3. मनु 4.3
  4. मनु 4.15
  5. कठोपनिषद-2.1
  6. कठोपनिषद-2-4-5

Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 4 | July-August 2023
Date of Publication : 2023-07-15
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 41-45
Manuscript Number : GISRRJ23647
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ. हिमांशु शेखर त्रिपाठी , "वैश्विक समस्याओं के निदान में उपनिषदों की उपादेयता", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 6, Issue 4, pp.41-45, July-August.2023
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ23647

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