मृदुला गर्ग कृत ‘कठगुलाब’उपन्यास में निहित नारी चेतना

Authors(1) :-आराधना वर्मा

मृदुला गर्ग कृत कठगुलाब उपन्यास में निहित नारी-मुक्ति की चेतना का स्वरूप देखने को मिलता है। पुरूष के द्वारा नारी का शोषण तथा नारी द्वारा उस शोषण का मुकाबला कर अपने आत्मसम्मान तथा स्वयं को सिद्ध करने के लिए किये गये नारी के प्रयासों को मृदुला गर्ग द्वारा उपन्यास में रेखांकित किया गया है। नारी पात्रों के माध्यम से समकालीन नारियों को अपनी ऊर्जा का बोध कराना उनका मूल उद्देश्य रहा है।

Authors and Affiliations

आराधना वर्मा
असिस्टेंट प्रोफेसर –हिंदी, राजकीय महाविद्यालय बबराला-गुन्नौर (संभल)

मृदुला गर्ग, कठगुलाब, उपन्यास, नारी-मुक्ति, चेतना, समकालीन।

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  6. 8. मृदुला गर्ग, कठगुलाब, पृष्ठ स0 54 भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, द्वितीय संस्करण 2001
  7. 9. मृदुला गर्ग, कठगुलाब, पृष्ठ स0 155 भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, द्वितीय संस्करण 2001
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Publication Details

Published in : Volume 6 | Issue 5 | September-October 2023
Date of Publication : 2023-09-12
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 23-25
Manuscript Number : GISRRJ23654
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

आराधना वर्मा, "मृदुला गर्ग कृत ‘कठगुलाब’उपन्यास में निहित नारी चेतना", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 6, Issue 5, pp.23-25, September-October.2023
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ23654

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