श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित शिव से शिक्षा

Authors(1) :-दिवाकर कटारे

प्राचीनकाले भारते मानवलक्ष्याणां स्वाभाविकतया प्राप्त्यर्थं भारतीयऋषिभिः चत्वारि आश्रमाणि (ब्रह्माचार्य आश्रम, गृहस्थ आश्रम, वनप्रस्थ आश्रम, संन्यास आश्रम), चत्वारि पुरुषार्थाः (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) चत्वारि Proper management इति सुझावः दत्तः वर्णानाम् (ब्राह्मणक्षत्रियवैश्यशुद्धा) इत्यादिकं कृतम्। सामाजिकपरिपक्वता समाजेन निर्धारितनियमानुसारं व्यवहारः इति अर्थः । सामाजिकप्रत्ययानुरूपं यः वर्तते सः सामाजिकपरिपक्वः इति उच्यते ।

Authors and Affiliations

दिवाकर कटारे
शोधार्थी, संस्कृत विभाग, जीवाजी विश्वविद्यालय,ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत।

भारतीयसमाजः, सामाजिकपरिपक्वता।

  1. डॉ कृष्ण कुमार, प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति, प्रथम संस्करण 1999, श्री सरस्वती सदन ए-1/32, सफदरजंग इन्कलेव नई दिल्ली।
  2. किरण टंडन, भारतीय संस्कृति, द्वितीय संस्करण 2005, ईस्टर्न बुक लिंकर्स दिल्ली।
  3. चान्दकिरण सलूज,शिक्षा भारतीय परिपेक्ष्य, प्रथम संस्करण 2023, संस्कृतसंवर्धनप्रतिष्ठानम् दिल्ली
  4. मिश्र, डॉक्टर लोकमान्य, भारतीय पुरातनी शिक्षा, प्रथम संस्करण 2011, मृगाक्षी प्रकाशन 5/113 विराम खण्ड गोमती नगर लखनऊ उत्तर प्रदेश।
  5. डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार, ईशावास्योपनिषद, द्वितीय संस्करण, दिल्ली संस्कृत अकादमी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार।
  6. द्विवेदी डॉ कपिल देव, संस्कृत साहित्य का समीक्षात्मक इतिहास, 2013, रामनारायण लाल विजय कुमार 2 , कटरा रोड इलाहाबाद

Publication Details

Published in : Volume 7 | Issue 3 | May-June 2024
Date of Publication : 2024-05-30
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 28-30
Manuscript Number : GISRRJ24735
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

दिवाकर कटारे , "श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित शिव से शिक्षा", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 7, Issue 3, pp.28-30, May-June.2024
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ24735

Article Preview