समकालीन कथा-साहित्य और हिंदी सिनेमा का बदलता भाषायी परिदृश्य

Authors(1) :-सुंदरम आनन्द

हिन्दी सिनेमा ने अपने बॉलीवुड में हुए अपने कायान्तरण को पूरी तरह आत्मसात कर लिया है। जिसका असर फिल्मों की कथा-वस्तु, उनके प्रस्तुतिकरण लक्षित दर्शक-वर्गों, व्यावसायिक रूझानों, सामाजिक सरोकारों के साथ-साथ भाषायी अनुप्रयोगों पर भी पड़ा है। डिजिटल क्रांति, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के विकास और विस्तार ने भी इसे व्यापक रूप से प्रभावित किया है। जिसकी परिणति 'क्रॉस ओवर' सिनेमा से गुज़रते हुए ‘पैन इंडियन सिनेमा’ जैसी परिघटनाओं में देखा जा सकता है। क्षेत्रीय भाषा या क्षेत्रीय भाषाओं के पुट के साथ बनी फिल्में आज नए ‘राष्ट्रीय सिनेमा’ के रूप में देश की सीमाओं से परे जाकर पारदेशीय प्रचार, प्रभाव और प्रतिष्ठा पाने में सफल हो रही हैं। जिससे हिंदो भाषा का कल्याण तो नहीं हो रहा पर बाजार के अनुकूल भाषायी विरोधाभासों से मुक्त एक बड़ा उपभोक्ता वर्ग अवश्य सृजित हो रहा है।

Authors and Affiliations

सुंदरम आनन्द
शोधार्थी, हिंदी विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली।

समकालीन कथा-साहित्य, हिंदी सिनेमा, सिनेमाई भाषा, राष्ट्रीय सिनेमा, क्रॉस ओवर सिनेमा, पैन इंडियन सिनेमा, पारसी थियेटर, मुंबई नोआर।

  1. (संपा.) सारंगी, आशा, लैंग्वेज एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया, ऑक्सफ़ोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस, 2009
  2. (संपा.) हसन, जया, फोर्जिंग आइडेंटिटीज: जेंडर, कम्युनिटीज एंड द स्टेट इन इंडिया, रोट्लेज, टेलर एंड, फ्रांसिस ग्रुप, 2009
  3. (संपा.) लाल, विनय, नंदी, आशिस, फिंगर प्रिंटिंग पॉप्युलर कल्चर: द मिथिक एंड आइकॉनिक इन इंडियन सिनेमा, ऑक्सफ़ोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस, 2006
  4. पारख, जवरीमल्ल, हिंदी सिनेमा का समाजशास्त्र, ग्रन्थ शिल्पी, प्र. लि. 2022 पारख, जवरीमल्ल, राष्ट्रीय मुक्ति आन्दोलन और हिंदी सिनेमा, नॉटनल वेबसाइट

Publication Details

Published in : Volume 7 | Issue 3 | May-June 2024
Date of Publication : 2024-06-22
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 52-56
Manuscript Number : GISRRJ24739
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

सुंदरम आनन्द , "समकालीन कथा-साहित्य और हिंदी सिनेमा का बदलता भाषायी परिदृश्य", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 7, Issue 3, pp.52-56, May-June.2024
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ24739

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