महिला सशक्तिकरण के विभिन्न आयामों का अध्ययन *जितेन्द्र पाठक (असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, समाजशास्त्र)

Authors(1) :-डॉ. भीमराव अम्बेडकर

वृद्धावस्था जीवन की अंतिम अवस्था होने के साथ ही विभिन्न समस्याओं को भी साथ लेकर आती है। इस अवस्था में व्यक्ति शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर होने लगता है, तथा परिवार में अन्य सदस्यों के मध्य सामंजस्य न हो पाने के कारण तनाव की स्थिति निर्मित होती है साथ हि पाश्चात्य संस्कृति शहरीकरण, औद्योगिकीकरण और बदलती जीवन शैली का प्रभाव हमारे जीवन पर इतना पड़ चुका है कि अपने परिवार में तथा समाज मे वृद्धो को सम्मान तथा समुचित स्थान नही प्रदान करवा रहे है। परिणाम स्वरूप वृद्धाश्रम जैसी संस्थाओ का जन्म हुआ, जहांॅ रहते हुये महिला वृद्धजन अपने जीवन का शेष समय परिवार के सदस्यों के बिना व्यतीत करती है। वृद्धाश्रमों का उभरना परिवार संरचना में हो रहे बदलावों को दर्शाता है। महिला वृद्धजन अधिकतर विधवा परिवार द्वारा उपेक्षित या आर्थिक रूप से निर्भर होती है उनकी स्थिति पुरूषों की तुलना में अधिक नाजुक होती है। वृद्धाश्रम जो कभी अंतिम विकल्प माने जाते थे अब वृद्ध महिलाओं के लिए आश्रय स्थल बनते जा रहे है। इस शोघ पत्र में वृद्धाश्रमों की स्थिति वहांॅ उपलब्ध सुविधाएं वृद्ध महिलाओं का स्वास्थ्य तथा सामाजिक और मानसिक स्थिति का अध्ययन किया गया है। प्रस्तुत शोधपत्र वर्तमान में मध्यप्रदेश के महानगर एवं आर्थिक राजधानी इंदौर के संदर्भ में वृद्धाश्रम एवं महिला वृद्धजनः दशा एवं दिशा का समाज शास्त्रीय अध्ययन करना है।

Authors and Affiliations

डॉ. भीमराव अम्बेडकर
राजकीय महाविद्यालय, ऑडेन पडरिया, मैनपुरी, उ.प्र.

वृद्धाश्रम पाश्चात्य संस्कृति, औद्योगिकीकरण, शहरीकरण, परिवार, मानसिक स्थिति, महिला वृद्धजन।

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Publication Details

Published in : Volume 8 | Issue 1 | January-February 2025
Date of Publication : 2025-02-05
License:  This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 10-21
Manuscript Number : GISRRJ25812
Publisher : Technoscience Academy

ISSN : 2582-0095

Cite This Article :

डॉ. भीमराव अम्बेडकर, "महिला सशक्तिकरण के विभिन्न आयामों का अध्ययन *जितेन्द्र पाठक (असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, समाजशास्त्र) ", Gyanshauryam, International Scientific Refereed Research Journal (GISRRJ), ISSN : 2582-0095, Volume 8, Issue 1, pp.10-21, January-February.2025
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ25812

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