Manuscript Number : GISRRJ258210
डिजिटल युग में ऑनर किलिंग एवं सामाजिक प्रभाव
Authors(2) :-विनीता अवस्थी, डॉ. मयंक कुमार ऑनर किलिंग मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है, जो पितृसत्तात्मक और सांस्कृतिक मानदंडों में गहराई से समाया हुआ है, जो व्यक्तिगत स्वायत्तता पर पारिवारिक सम्मान को प्राथमिकता देते हैं। इस प्रथा में कथित अपराधों के बाद सम्मान बहाल करने के बहाने व्यक्तियों, अक्सर महिलाओं, की उनके अपने परिवार के सदस्यों द्वारा हत्या शामिल है। इन अपराधों में किसी की जाति, धर्म या समुदाय के बाहर साथी चुनना, तयशुदा विवाह को अस्वीकार करना या पारंपरिक लिंग भूमिकाओं को चुनौती देना शामिल हो सकता है। ऑनर किलिंग किसी विशिष्ट क्षेत्र या संस्कृति तक सीमित नहीं हैय वे वैश्विक स्तर पर होती हैं, अक्सर ऐसे समाजों में जहां कठोर सामाजिक पदानुक्रम और लैंगिक असमानताएं व्याप्त हैं। ऑनर किलिंग के मूल कारण जटिल और बहुआयामी हैं। वे गहराई से समाहित सामाजिक मान्यताओं से उत्पन्न होते हैं जो परिवार की प्रतिष्ठा को उसकी महिला सदस्यों के व्यवहार के बराबर मानते हैं। ऐसे संदर्भों में, महिलाओं को अक्सर पारिवारिक सम्मान की वाहक के रूप में देखा जाता है, और निर्धारित मानदंडों से ऑनर किलिंग समानता, न्याय और व्यक्तिगत स्वायत्तता के सम्मान की दिशा में सामाजिक प्रगति की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है। इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए दमनकारी मानदंडों को चुनौती देने और समाज के कमजोर सदस्यों की रक्षा करने के लिए सरकारों, नागरिक समाज और व्यक्तियों की ओर से सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता है। केवल ऐसे ठोस प्रयासों से ही हम इस जघन्य प्रथा को खत्म करने और एक ऐसी दुनिया बनाने की उम्मीद कर सकते हैं जहाँ हर व्यक्ति हिंसा या उत्पीड़न के डर के बिना जीने के लिए स्वतंत्र हो।
विनीता अवस्थी पितृसत्ता, लैंगिक असमानता, सांस्कृतिक मानदंड, सामाजिक कलंक, विधिक सुधार, पीड़ितों के लिए न्याय।
Publication Details Published in : Volume 8 | Issue 1 | January-February 2025 Article Preview
शोर्धार्थी, विधि, विभाग, मेजर एस डी सिंह विश्वविद्यालय फर्रुखाबाद उ० प्र०
डॉ. मयंक कुमार
आचार्य, विधि विभाग, मेजर एसडीसिंह विश्वविद्यालय फर्रुखाबाद उ० प्र०
Date of Publication : 2025-02-05
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 180-187
Manuscript Number : GISRRJ258210
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ258210