Manuscript Number : GISRRJ258224
पंचायत प्रतिनिधियों में उनके संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूकता का अध्ययन
Authors(2) :-रजनीकांत साहू, डॉ. अनिता समल भारत के पंचायती राज संस्थान स्थानीय शासन के सबसे महत्त्वपूर्ण स्तंभ हैं, जिन्हें 73वें संविधान संशोधन के माध्यम से संवैधानिक मान्यता प्राप्त हुई। इन संस्थानों की कार्यक्षमता पंचायत प्रतिनिधियों की संवैधानिक अधिकारों की जानकारी पर आधारित होती है। प्रस्तुत अध्ययन मोहला-मानपुर-अम्बागढ़-चौकी ज़िले के तीन स्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों — जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायत — की संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूकता का तुलनात्मक विश्लेषण करता है। शोध में 400 प्रतिनिधियों को शामिल किया गया, जिनमें से 11 जिला, 50 जनपद तथा 339 ग्राम पंचायत से संबंधित हैं। आँकड़ों का विश्लेषण प्रतिशत तथा काई-स्क्वायर परीक्षण के माध्यम से किया गया। परिणाम से यह स्पष्ट हुआ कि पंचायत स्तर के अनुसार जागरूकता का स्तर भिन्न है तथा यह अंतर सांख्यिकीय रूप से महत्वपूर्ण है ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों में अपेक्षाकृत कम जागरूकता देखी गई, जो प्रशिक्षण की न्यूनता, सूचना की सीमित पहुँच एवं संसाधनों की असमान उपलब्धता को इंगित करता है। जनपद एवं जिला पंचायत प्रतिनिधियों की जागरूकता उच्च स्तर पर पाई गई, जो उनके प्रशासनिक अनुभव और निर्णयात्मक भागीदारी से जुड़ी प्रतीत होती है। अध्ययन स्थानीय शासन व्यवस्था की प्रभावशीलता में संवैधानिक जानकारी के महत्व को रेखांकित करता है।
रजनीकांत साहू पंचायती राज संस्थान, संवैधानिक अधिकार, पंचायत प्रतिनिधि, जागरूकता, काई-स्क्वायर विश्लेषण, स्थानीय शासन
Publication Details Published in : Volume 8 | Issue 1 | January-February 2025 Article Preview
शोधार्थी, राजनीति शास्त्र विभाग, कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)
डॉ. अनिता समल
प्रोफेसर, राजनीति शास्त्र विभाग, कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)
Date of Publication : 2025-02-05
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 281-286
Manuscript Number : GISRRJ258224
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ258224