Manuscript Number : GISRRJ25834
विभिन्न निकायों द्वारा संचालित विद्यालयों के विद्यार्थियों के रचनात्मक स्तर का तुलनात्मक अध्ययन
Authors(2) :-प्रियंका शर्मा, डा. विनोद कुमार उपाध्याय
वर्तमान समय में विद्यालय समाज का भविष्य तय करने वाली संस्था के में उभरकर आया है। जहाँ बालक अपनी रूचि योग्यता, क्षमता के माध्यम अपना विकास कर समाज समस्त व्यवहार एवं जीविका निर्वाह कौशल को ग्रहण करते है वर्तमान समय में बालकों के तार्किक दृष्टिकोण में सक्षम बनाने लिए विद्यालयों में अनेक उपक्रम चलाये जाते है।
प्रागैतिहासिक काल में आधुनिक काल तक की सभ्यता व संस्कृति मानव रचनात्मक की यात्रा है। बैलगाडी से अन्तरिक्ष यात्रा की कहानी मनुष्य की रचनात्मक सम्बन्धी योग्यताओं को दर्शाती है। साहित्य, कला, विज्ञान, भाषा, व्यापार, चिकित्सा आदि अनेक क्षेत्रों में योगदान मनुष्य की जिज्ञासा व रचनात्मकता अनवरत खोज की कहानी है।
रचनात्मकता सभी बालकों के लिये एक महत्वपूर्ण तथ्य है। रचनात्मक प्रत्येक बालक के लिए भिन्न-भिन्न हो सकता है। बालकों को सृजन का अवसर मिलना चाहिये। इस प्रकार के अवसरों में लोच, स्वतन्त्रता तथा मौलिकता के गुण होने चाहिये। सृजनशील बालकों का दृष्टिकोण सामान्य बालकों से अलग होता है। स्वतंत्र निर्णय क्षमता सृजनशीलता की पहचान है। जो व्यक्ति किसी समस्या के प्रति निर्णय लेने में स्वतन्त्र होता है, वह सृजनात्मक समझा जाता है।
प्रियंका शर्मा Publication Details Published in : Volume 8 | Issue 2 | March-April 2025 Article Preview
पीएचडी शोधार्थी, महाराज विनायक ग्लोबल विष्वविद्यालय, जयपुर
डा. विनोद कुमार उपाध्याय
प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष, महाराज विनायक ग्लोबल विष्वविद्यालय, जयपुर
Date of Publication : 2025-03-25
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 36-43
Manuscript Number : GISRRJ25834
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ25834