Manuscript Number : GISRRJ25839
गुजरात के माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के घरेलू वातावरण एवं शैक्षिक अभिरूचि का सहसम्बन्धात्मक अध्ययन
Authors(2) :-राठौड वनराजसिह रावजी भाई, डॉ सतेन्द्र कुमार
शिक्षा एक व्यक्ति को अपनी क्षमता का पता लगाने में मदद करती है, जो बदले में एक मजबूत और एकजुट समाज को बढ़ावा देती है। इसका उपयोग करने से इनकार करना किसी भी व्यक्ति को एक पूर्ण इंसान बनने में बाधा उत्पन्न कर सकता है। परिवार, समुदाय और राज्य को बड़े स्तर पर ले जाने के लिए मानव समाज के हर स्तर पर शिक्षा का महत्व बहुत आवश्यक है।
शिक्षा आजीवन चलने वाली सचेतन एवं प्राणमयी प्रक्रिया है। जन्म लेने के पश्चात् ही व्यक्ति अनेक परिस्थितियों का सामना करता है और विकासोन्मुख होता हुआ आगे बढ़ता रहता है। परिवर्तन की इस प्रक्रिया में वह अनुभव ग्रहण करता है इस अनुभव को ग्रहण करने में ही शिक्षा निहित है इसे परिभाषित करते हुए प्रो. अदावल सुबोध ने कहा है कि, "शिक्षा वह सविचार प्रक्रिया है, जिसके द्वारा व्यक्ति के विचारों एवं व्यवहारों में परिवर्तन एवं परिवर्धन होता है उसके स्वयं तथा समाज के कल्याण के लिए।" इस प्रकार की शिक्षा की परिकल्पना अत्यन्त व्यापक अर्थ में की गयी है जहां तक औपचारिक शिक्षा का सम्बन्ध है उसका सशक्त व सबल माध्यम है- शिक्षण। शिक्षण, शिक्षक, शिक्षार्थी तथा पाठ्यक्रम के मध्य चलने वाली वह प्रक्रिया है जिससे बालक की समस्त शक्तियों का स्वाभाविक विकास होता है जिससे कि बालक समाज का उपयोगी नागरिक बन सके ।
राठौड वनराजसिह रावजी भाई Publication Details Published in : Volume 8 | Issue 2 | March-April 2025 Article Preview
शिक्षा विभाग माधव विश्वविद्यालय पिंडवाडा, जिला सिरोही (राज.)
डॉ सतेन्द्र कुमार
सहायक प्राध्यापक, शिक्षा विभाग माधव विश्वविद्यालय, पिंडवाडा, जिला सिरोही (राज.)
Date of Publication : 2025-04-20
License: This work is licensed under a Creative Commons Attribution 4.0 International License.
Page(s) : 74-79
Manuscript Number : GISRRJ25839
Publisher : Technoscience Academy
URL : https://gisrrj.com/GISRRJ25839